अधिकारियों का कृपा पात्र बना कंट्रोल संचालक
जी हम बात कर रहे हैं कंट्रोल संचालक की, जो महीने में मात्र तीन दिन शासकीय राशन को बांटने का दिखावा करता है एवं बाकी दिन बचे हुए राशन को खुदवुद करने में लग जाता है किसी को गेहूं प्रदान किया जाता है तो किसी को चावल ,ओर कह दिया है अभी नहीं  आया पुरा राशन , अगली तारीख में आपको मिल जाएगा आदमी अंगूठा लगाने के बाद अपने आपको ठगा महसूस करता है और उसे राशन की पर्ची जो की मशीन द्वारा दी जानी अनिवार्य है राशन लेने वाले को नहीं दी जाती है । कह दिया जाता है मशीन खराब है ऑफिस में मशीन बन रही है आप अभी राशन ले जाओ बाकी राशन बाद में ले जाना । इस तरह के बहाने हमेशा ही बने रहते हैं किसी को क्या गेहूं तो किसी को चावल मिल पाता है 
जब अगली बार अपना बकाया राशन लेने आता है तो कह देता है लेफ्ट हो गया या अभी नहीं आया अभी का आप यह ले लो ।  जनता का बच्चा हुआ राशन दानाओली क्षेत्र में ही आटा चक्कियों पर खफाया जा रहा है जिससे भ्रष्टाचार खुलेआम हो रहा है आम आदमी अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है और वह शिकायत भी नहीं कर पा रहा है जो आदमी अपना पुराना राशन मांगता है तो बहाने बना दिया जाता है कि अभी नहीं आया अगली तारीख पर ले लेना, अभी आधा ले आओ। जबकि शासन में कंट्रोल की दुकान महीने में 30 दिन खुलना चाहिए कंट्रोल संचालक शासन के नियम को धता  बताते हुए जनता के राशन को बाजार मे खपाकर भ्रष्टाचार कर रहे है इनमें से कुछ शिकायत  विभाग के पास पहुंचती भी है लेकिन खाना पूर्ति का दवा दी जाती है यह कंट्रोल अकेली नहीं है शहर में संचालित होने वाली सैकड़ो कंट्रोल का यही हाल है लोगों को ना तो राशन मिल रहा है न ही राशन पर्ची । न हि नापतोल  विभाग द्वारा जांच की जाती है कि कंट्रोल  संचालक राशन पूर्ण दे रहे हैं है या नहीं।
 इस संबंध में संबंधित अधिकारी से बात करना चाहीं तो उन्होंने कहा कि हम अभी संबंधित कंट्रोल पर दिखाते हैं ।