कार्यवाही के नाम पर नोटिस थमाकर भुले भवन अधिकारी

संगीन एक्सप्रेस 
ग्वालियर। नगर निगम का अमला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है, इसलिये नहीं कि वह शासन स्तर पर तय टारगेट को प्राप्त कर पा रहा है। बल्कि इसकी वजह यह है कि वह ऐसे कोई भी जनकार्य नहीं कर पा रहा है जिससे उसके होने या उचित कार्य करने का एहसास आमजन या माननीय कोर्ट को होता रहे।  नगर निगम आजकल सुर्खियों में बना ही रहता है चाहे अमृत योजना हो, स्वर्ण रेखा नाला योजना हो  या भवन निर्माण कार्य हो। नगर निगम अधिकारियों की कार्य शैली हमेशा ही खबर बनकर सुर्खियों में रहती ही हैं। स्वर्ण रेखा सौन्दर्य याचिका जिसमें हाईकोर्ट ग्वालियर को न सिर्फ निर्देशित करना पड़ रहा है बल्कि सीएजी की तर्ज पर लेखाजोखा भी लेना पड़ रहा है। माननीय कोर्ट स्वर्ण रेखा नदी के नाम पर बहाई जा रही  भ्रष्टाचार की गंगोत्री को रोक कर उक्त योजना को वास्तविक धरातल पर उतरता हुआ देखना चाहती है । ऐसे ही एक अन्य मामले में सामने आया है कि वार्ड 43 मोची ओली में निर्माणाधीन भवन जिसकी परमिशन आवासीय के रूप में दर्ज है लेकिन निर्माण व्यवसायिक किया रहा है।आवासीय परमीशन लेकर लगभग 9 व्यवसायिक दुकानों का निर्माण किया जा रहा है, परमिशन के विपरीत किये जारहे इस कार्य से क्षेत्राधिकारी एवं भवन अधिकारी से लेकर नगर निगम आयुक्त तक सभी वाकिफ हैं, लेकिन कार्यवाही के नाम पर सभी एक दुसरे के पाले में गेंद फैंक रहे हैं।  लचर  कार्यवीही से ऐसा लगता है कि क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा दिए गए नोटिस शायद भ्रष्टाचार  की  भेंट चढ़ गए हैं 
 इसकी शिकायत कुछ समय पूर्व क्षेत्रीय लोगों ने निगम आयुक्त से  भी की थी, जिसपर कार्यवाही के नाम पर  क्षेत्राधिकारी तथा भवन अधिकारी द्वारा संबंधित भवन स्वामी को नोटिस जारी कर कागजी खानापूर्ति कर ली गई। भवन स्वामी की ऐसी हनक और जिद् की उसने नोटिस का जवाब क्षेत्राधिकारी एवं भवन अधिकारी को दूसरी मंजिल का निर्माण करके दिया। शिकायतकर्ताओं के पूछे जाने पर भवन अधिकारी ने बताया कि जो अवैध हिस्सा है उसकी तुड़ाई कर कार्यवाही करने का आदेश कर दिया गया है, इसी क्रम में उनको दो नोटिस देकर तीन दिवस का समय भी दिया गया है। भवन अधिकारी से जब भवन स्वामी द्वारा इन नोटिस को नजरअंदाज कर हल्के में लिये जाने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि आज सभी सीएम साहब के प्रोग्राम में व्यस्त हैं, किसी तरह की कार्यवाही संभव नहीं है, कल देखेेगें। कार्य नहीं किया जा रहा है हमने भवन स्वामी को सुचित कर दिया है उनके आने पर कार्रवाई होगी । सूत्र बतलाते हैं कि यह सब आपसी सहमति का खेल है, शिकवा-शिकायतों के बीच अतिक्रमणकर्ता भवन तान कर उस पर नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार का कंगूरा टांग देता है,  पुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने शिकायत, आवेदन मय दस्तावेजो सहित प्रमुख मिडिया कटिंग  के साथ मुख्य मंत्री कार्यालय एवं राज्यपाल कार्यालय भी की है ।