निगम में फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी करना एक राजस्व टीसी को भारी पड़ गया। हालांकि उसका फर्जीवाड़ा 42 साल बाद सामने आया। अब निगम उसे नौकरी से बर्खास्त करने के साथ ही उसके द्वारा अब तक लिए गए वेतन की भी वसूली करेगा। साथ ही उसमें पुलिस पर भी प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। दरअसल, नगर निगम के राजस्व विभाग में टीसी के रूप में पदस्थ कैलाश कुशवाह ने अपने भाई राजेंद्र कुशवाह की हायर सेकंडरी की मार्कशीट लगाकर सन 1981 में निगम में नौकरी हड़प ली। कैलाश का निगम में मूल पद बेलदार है, लेकिन उसने अधिकारी से सेटिंग करके राजस्व विभाग में टीसी बन गया। इसके बाद अशोक कुशवाह सात ने वर्ष 2020 में निगम में शिकायत को करते हुए बताया कि कैलाश ने अपने 21- भाई राजेंद्र कुशवाह की हायर सेकंडरी की की मार्कशीट लगाकर निगम में नौकरी हड़प ली हैं। जबकि उसका भाई राजेंद्र रियों पावर लुम बोनकर सहकारी संघ की बुरहानपुर में नौकरी कर रहा है।
दोनों भाइयों की एक जैसी मार्कशीट देख कराई जांच
जब निगम ने इसकी जांच कराई तो दोनों भाईयों की मार्कशीट एक जैसी होने पर माध्यमिक शिक्षा मंडल को जांच के लिए पत्र लिखा गया। मंडल द्वारा जांच में बताया कि कैलाश की मार्कशीट फर्जी है और वह उसके भाई राजेंद्र कुशवाह की है। वहीं जब इस संबंध में कैलाश से पूछताछ की तो उसने मंडल को ही भ्रष्ट बताया। इसके बाद निगम ने उसे बर्खास्त करने और अब तक लिए गए वेतन की वसूली की कार्रवाई करेगा। वही शिकायत कर्ता अशोक कैलाश का दामाद बताया जा रहा है।