बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला
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*विधि विरुद्ध बालक को करुणामय भय दिखाकर उसके भविष्य को सुधारने के लिए उसे प्रेरित करें : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश*

ग्वालियर-23.07.2022: आज पुलिस कंट्रोल रूम ग्वालियर सभागार में ‘‘बाल अधिकार, बाल संरक्षण, मानव दुर्व्यापार एवं पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों’’ विषय  पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ *मुख्य अतिथि माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी.सी. गुप्ता एवं माननीय प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड श्रीमती रूपाली ऊइके* द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प एवं दीप प्रज्वलित कर किया । सेमीनार में उपस्थित मुख्य अतिथियों का पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर श्री राजेश सिंह चंदेल एवं अति. पुलिस अधीक्षक शहर (मध्य/यातायात) श्री ऋषिकेश मीणा,भापुसे द्वारा स्वागत किया गया । इस प्रशिक्षण कार्यशाला में अति. पुलिस अधीक्षक शहर पश्चिम श्री गजेन्द्र सिंह वर्धमान, डीएसपी महिला अपराध सुश्री हिना खान, समस्त सीएसपी, प्रभारी विशेष किशोर इकाई ग्वालियर निरीक्षक डिम्पल मौर्य एवं ग्वालियर जिले के थानों में पदस्थ बाल कल्याण पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुए ।

इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी.सी. गुप्ता ने कहा कि जब हम समाज में बालकों का संरक्षण नहीं कर सकते हैं तो हम अपने घर के बालक को भी सुरक्षित नहीं रख सकते हैं । उन्होंने कहा कि बालकों के लिए बनाए गए अधिनियम का उद्देश्य यह है कि जो अपराध घटित हुआ है वह क्यों हुआ है उसका जमीनी स्तर पर आकलन करना जरूरी है । उन्होंने कहा कि विधि विरुद्ध बालक को करुणामय भाव  दिखाकर उसके भविष्य को सुधारने के लिए उसे प्रेरित किया जाना चाहिए तथा बच्चों को हार्डकोर क्रिमिनल के संपर्क में जाने से पहले उसके संबंध में जानकारी एकत्रित कर उसे बचाने का प्रयास करें । उन्होने उपस्थित पुलिस अधिकारियों से कहा कि हमें जो कार्य सौंपा गया है उसे निष्पक्ष व ईमानदारी से करें तथा विधि विरुद्ध बालकों से संवेदनशील होकर कार्य करने का प्रयास करें ।  
माननीय प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड श्रीमती रूपाली ऊइके ने इस अवसर पर कहा कि बाल कल्याण अधिनियम में दो तरह के बच्चे आते हैं एक जिसने अपराध किया है तथा दूसरा जिसे रोटी कपड़ा और मकान की आवश्यकता है, जिसे हमें संरक्षित करना है । साथ ही हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि बालक चाहे विधि विरूद्व अपचारी हो वह बालक है, वह परिपक्व नही है इसलिए उसके प्रति हमें संवेदनशील रहने की आवश्यकता है ।

पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर श्री राजेश सिंह चंदेल ने एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में आने के लिए अतिथियों का आभार व्यक्त किया तथा कार्यशाला में उपस्थित बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों से कहा कि बाल अपचारी के लिए थाने का वातावरण उसके घर जैसा बनाए एवं आप उसके साथ मित्रता का व्यवहार करें और बाल अपचारी को किसी भी वयस्क अपराधी के साथ न रखा जाए । न्यायालय में बाल अपचारी को पेश करते समय बाल कल्याण अधिकारी स्वयं प्रस्तुत करें ।  

अध्यक्ष बाल कल्याण समिति डॉ. संदीपा मल्होत्रा ने एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे भविष्य निर्माता हैं हमें उनके प्रति संबेदनशील होने की आवश्यकता है, इस अवसर पर उन्होने कहा कि जब आप बच्चों को दस्तयाब करते हैं तो 24 घण्टे के अन्दर उसकी सूचना बाल कल्याण समिति को आवश्यक रूप से दें । ऐसा कोई बच्चा जो पवजी, फायर फ्री गेम्स के माध्यम से ब्लेकमेल हो रहे बच्चों की सूचना भी बाल कल्याण समिति को दें तथा पॉक्सों एक्ट के मामले में चाहे अपराध लड़के के साथ हुआ हो उसे हमें गंभीरता से लेना चाहिए तथा पॉक्सो एक्ट के मामले में संवेदनशील होकर कार्य करना चाहिए ।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री राहुल पाठक ने बालको के संरक्षण एवं बाल अपराध के निवारण में महिला बाल विकास की भूमिका विषय पर व्याख्यान दिया तथा प्राचार्य माधव विधि महाविद्यालय डॉ. नीति पाण्डे ने मानव दुर्व्यापार एवं पॉक्सो एक्ट संबंधी प्रावधानों पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण कार्यशाला के अंत में उपस्थित अथितियों को स्मृति चिन्ह भेट किए गये और  सेमीनार में आये समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये ।