ग्वालियर में तोमर को चुनौती दे सकते हैं सुनील शर्मा , पूर्व में मुन्ना के खिलाफ मैदान में उतरने के लिए कई नेता तैयार
राजेंद्र तलेगांवकर, ग्वालियर। वैश्विक महामारी कोरोना फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है लेकिन ग्वालियर जिले की जिन 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उसके लिए कांग्रेस में कई दावेदारों ने ताल ठोक दी है। इन दोनों ही सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी तो तय हैं लेकिन कांग्रेस को अपने प्रत्याशी घोषित करने में बड़ी माथा पच्ची करनी पड़ सकती है। ग्वालियर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रद्युम्न सिंह तोमर के खिलाफ कांग्रेस नेता सुनील शर्मा को टिकट मिलने की उम्मीद सबसे ज्यादा बताई जा रही है। दोनों ने ही अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। वहीं दूसरी और ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में मुन्नालाल गोयल मैदान में होंगे तो उन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस से कई नेता अपना दावा कर रहे हैं।
प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण हुए सत्ता परिवर्तन के कारण भाजपा में आए प्रदेश के पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले ही अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे हैं। वह क्षेत्र की जनसमस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे। सत्ता में आने के बाद भी वे अपनी कार्यशैली के कारण लगातार चर्चा में बने रहे। कभी गोदामों पर छापा मार कार्यवाही की तो कभी नाले में उतर कर सफाई का काम करके उन्होंने व्यवस्था के प्रति अपनी नाराजगी भी जताई। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस तोमर के मुकाबले में प्रदेश महासचिव रहे सुनील शर्मा को उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतार सकती है। सुनील शर्मा सिंधिया की कोर टीम में शामिल रहे हैं। माधवराव सिंधिया से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक शर्मा पूर्ण निष्ठा के साथ काम करते रहे। पिछले तीन विधानसभा चुनाव से वे लगातार अपना दावा जताते रहे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें किसी प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जा सकता है लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। मेला प्राधिकरण में हुई नियुक्तियों एवं ग्वालियर विकास प्राधिकरण में नियुक्तियों के लिए जो नाम सामने आ रहे थे उसके बाद उनके अध्यक्ष बनने की संभावना समाप्त मानी जा रही थी। सिंधिया द्वारा लगातार की गई उनकी उपेक्षा के चलते ही उन्होंने कांग्रेस में रहना ही मुनासिब समझा। शर्मा भी क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर लगातार सक्रिय रहे हैं। वो भी धरना प्रदर्शन कर अपनी मजबूत दावेदारी जताते रहे हैं। अगर कांग्रेस उन्हें अपना प्रत्याशी बनाती है तो वे पार्टी के मशहूर प्रत्याशी साबित हो सकते हैं। सुनील शर्मा के अलावा कुछ अन्य नेता भी इस क्षेत्र से अपनी दावेदारी जता रहे हैं ।
#मुन्नालाल से मुकाबले के लिए कई नेता ठोक रहे हैं ताल
ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में निवर्तमान विधायक मुन्ना लाल गोयल भाजपा के प्रत्याशी होंगे यह तय है लेकिन कांग्रेस में उनसे मुकाबला करने के लिए नेताओं की लंबी सूची बनती जा रही है। मुन्ना लाल के खिलाफ मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस नेताओं के अलावा जो प्रमुख नाम सामने आया है उनमें समाजसेवी एवं चेंबर के नेता भूपेंद्र जैन प्रमुख है। भूपेंद्र जैन चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरीके से तैयार है और वह अपने इरादे पार्टी नेताओं को बता चुके हैं। लेकिन उनकी मार्ग में सबसे बड़ी बाधा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह हैं। लगातार चार लोकसभा चुनाव हारने के बाद अशोक सिंह इस बार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। अशोक सिंह ने वरिष्ठ नेताओं को अपनी इच्छा जता दी है। कांग्रेस में वर्तमान समय में उनकी जो पकड़ है उसे देखते हुए उनका दावा मजबूत माना जा रहा है। लेकिन यह उपचुनाव कांग्रेस किसी भी कीमत में हारना नहीं चाहती। कांग्रेस इस चुनाव में किसी नए चेहरे को भी उतार सकती है। इस दृष्टि से सिंधिया खेमे के प्रमुख स्तंभ रहे स्वर्गीय डॉक्टर दर्शन सिंह के पुत्र मितेंद्र दर्शन सिंह का नाम दमदारी से सामने आया है। मितेंद्र सिंह ने इससे पहले हुए चुनाव में अपनी जोरदार दावेदारी जताई थी, लेकिन मुन्नालाल गोयल लगातार चुनाव हारने के बाद भी टिकट पाने में सफल हुए थे। जनता ने उन्हें विधायक चुना। मितेंद्र बड़े प्रदर्शन करके अपनी सक्रियता बनाए रखें। वहीं उन्होंने युवक कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव का पदवी भी प्राप्त कर ली। मितेंद्र सिंह के साथ कांग्रेस की पूरी टीम उन्हें टिकट दिलाए जाने के लिए दमदारी से लगी हुई है। उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा भी ग्वालियर पूर्व से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं।