राजनीतिक संरक्षण के धनी है जगदीश मीणा

राजनीतिक संरक्षण के धनी है जगदीश मीणा 
सुनील चौहान और संतोष चौहान मीणा के संरक्षण में कर रहे अवैध वसूली। 
जी हां। जगदीश मीणा का सारा कारोबार अवैध रूप से सुनील चौहान और संतोष चौहान देख रहे हैं। वेरियर पर  इनका आतंक चरम पर है। यह दोनों भाई जगदीश मीणा का अवैध कारोबार बसुली कर रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बैरियर पर 8से10 प्राइवेट कटर कार्य कर रहे हैं। जो संतोष चौहान और सुशील चौहान के  अंडर मे अवैध, वसूली  मारपीट करते हैं। सुत्रो से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि। यह दोनों भाई कानपुर यूपी के है। जो जगदीश मीणा के लिए अवैध, वसूली। मारपीट गुंडागर्दी  करते हैं। ऐसा नहीं है , अवैध वसूली की खबर विभाग को ना हो। अवैध वसुली मीणा जी के मार्गदर्शन में चल रही है मारपीट ,अवैध बसुली  की खबरें समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती है। फिर भी। गंदा है  पर धंधा है। जो बदस्तूर चल रहा है। 
कानून व्यवस्था का जिम्मा प्रशासन का है। फिर भी अवैध कटर बेखौफ है । नयागाँव प्रभारी जगदीश मीणा के लिए अवैध, वसूली बेधड़क कर रहे हैं। और शासन को करोड़ों रुपए की राजस्व्् की  क्षति पहुंचा रहे हैं। अगर यह राजस्व ईमानदारी से शासन के खजाने में जमा हो। तो कुछ ही दिनों में शासन का खजाना बढ़ सकता है। और इस राजकोष को प्रदेश में उपयोग कर विकास एवं जनकल्याणकारी अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा सकता है। लेकिन मीणा के राजनीतिक रसूख के कारण सरकार भी  बौनी साबित हो रही है। 
कौन है जगदीश मीणा? 
परिवहन विभाग में रोटेशन पर  कई  अधिकारियों को मलाईदार चैकपोस्ट पर प्रभार दिया गया। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग का सबसे चर्चित चैकपोस्ट नयागाँव राजनीतिक रसूख के धनी जगदीश मीणा को  नयागाँव का प्रभारी बनाया गया। उनके आते ही प्राइवेट कटरों के माध्यम से अवैध, वसूली  चरम पर पहुंच गई। प्राप्त सूत्रों के अनुसार जगदीश मीणा एस टी  कोटे से विभाग में   नियुक्त हुए हैं जबकि उनके परिवार में भाई ओबीसी कोटे से शासकीय सेवा में  सेवाएं दे रहे हैं अनेकों बार उनके जाति प्रमाण पत्र की शिकायत की गई। लेकिन राजनैतिक रसुक के कारण मामला दबा दिया गया।क्योंकि उनके आका  उच्च पदों पर आसीन है  जो उनका सहयोग करते हैं। करें भी क्यों ना चैकपोस्ट का प्रचार प्रसाद  जो पहुंचता है। अवैध वसूली के कारण  जाम की स्थिति  बनी रहती है। जिसके कारण कई घंटों तक यातायात बाधित होता है। लेकिन शासन प्रशासन आँखो पर पट्टी बांधे चल रहा है