कमलनाथ सरकार में ईमानदार अफसर बर्दाश्त नहीं
ईमानदार अफसरों से डर गई सरका?
पिछले दिनों जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कमलनाथ सरकार ने अजीबो-गरीब फरमान जारी किया था। सीएम कमलनाथ ने अफसरों से कहा है कि वो कम से कम एक व्यक्ति की नसबंदी कराएं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ये भी कहा है कि अगर टारगेट पूरा नहीं होता है तो अफसरों के वेतन में भी कटौती की जाएगी। इस तुगलकी फरमान के बाद सरकार चारों ओर से घिरी नजर आयी। आनन-फानन में सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी आईएएस अधिकारी छवि भारद्वाज को हटा दिया। मतलब सारा ढींकरा छवि पर फोड़ दिया। बताया गया कि यह आदेश छवि ने निकाला था। इससे पहले नसबंदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक कठोर आदेश निकाला जिसमें काम नहीं करने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं देने का भी जिक्र था। आदेश के दस दिन के भीतर पालन करने के बजाए जनसंख्या की रोकथाम करने वाली छवि भारद्वाज को पद से हटाकर मंत्रालय भेज दिया गया। इसके पीछे वो लोग बड़े खुश हैं जिन्हें छवि के कठोर और ईमानदार रवैये ने टेंडर से लेकर अन्य कामों में घपला करने से रोक रखा था। कुल मिलाकर सरकार में गड़बड़ी करने वाले खुश हैं। ईमानदार से काम करने वाले अधिकारी सरकार को बर्दाश्तं नहीं हैं। यही कारण है कि पिछले एक साल में हर विभाग से ऐसे अफसरों को अपनी ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ रही है। एक आईएएस अधिकारी गौरी सिंह का मामला भी हमारे सामने है। उन्होंने इस सरकार में ही काम करने से तौबा कर ली और वीआरएस लेकर नौकरी तक छोड़ दी। उन्हें भी अपनी ईमानदारी और कर्मठता की कीमत चुकानी पड़ी। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में भी ऐसा ही हुआ था। मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजीव शमी का तबादला किया गया था। इस कांड की जांच के लिए बनी एसआईटी में नौ दिन के भीतर तीसरा बदलाव था। ऐसे और भी अफसर हैं जिनके उपर गांज गिरी है।
15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के पहले 5 महीने के कार्यकाल में करीब-करीब 500 अधिकारियों के तबादले हुए। इसमें आईएएस, आईपीएस और आईएफएस समेत अन्य ग्रेड के अधिकारी हैं। 18 दिसंबर 2018 से एक जून 2019 तक 84 आईएएएस अधिकारियों के तबादले के आदेश निकल चुके हैं। सभी 10 संभागों के कमिश्नर और 52 जिलों के कलेक्टर बदले जा चुके हैं। 48 एसपी बदल दिए गए हैं। राज्य स्तर के अधिकारियों को भी जोड़ दें तो यह आंकड़ा 15,000 से ज्यादा है। सरकार तबादलों की राजनीति कर प्रदेश के विकास में रोड़ा अटका रही है। इससे कार्यों पर भारी प्रभाव पड़ रहा है। ईमानदार अफसर मन से काम नहीं कर पा रहे हैं और जो काम कर रहे है वह सिर्फ सरकार की जी हजूरी करने वाले अधिकारी हैं। अधिकारियों की लॉबी में सरकार के इस एक्शन का गलत प्रभाव पड़ रहा है।
ईमानदार अफसरों से डर गई सरकार