राम मंदिर ट्रस्ट में, कल्याण सिंह और उमा भारती ने उठाई OBC ट्रस्टी की मांग

राम मंदिर ट्रस्ट में एक दलित-8 पंडित, कल्याण सिंह और उमा भारती ने उठाई OBC ट्रस्टी की मांगअयोध्या आंदोलन के नेतृत्व की कमान ओबीसी नेताओं के हाथ में थी. कल्याण सिंह, विनय कटियार से लेकर उमा भारती राम मंदिर आंदोलन के पहली पंक्ति के नेता थे, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट में एक भी ओबीसी समुदाय को जगह नहीं मिली है. श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट में  दलित-१ और  ब्राह्मण 8  ,ओबीसी -0 सदस्य बनाए गए हैं.राम मंदिर ट्रस्ट के 15 सदस्यों में 9 स्थाई और 6 पदेन सदस्य होंगे. ट्रस्ट के डीड में ही 9 स्थाई सदस्यों के नाम दे दिए गए हैं, जिनमें एक दलित जातीय और आठ ब्राह्मण समुदाय के लोगों को जगह मिली है. इसीलिए ट्रस्ट के मौजूदा स्वरूप को लेकर सवाल और विवाद खड़े होने लगे हैं. क्षेत्रीय बनाम बाहरी के साथ-साथ ट्रस्ट में ओबीसी समुदाय के सदस्य बनाने की मांग राम मंदिर आंदोलन में पहले पंक्ति के रहे नेताओं ने उठाई है.राम मंदिर के लिए अपनी सत्ता को दांव पर लगाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और अयोध्या आंदोलन का चेहरा रहीं उमा भारती ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में ओबीसी समुदाय के एक सदस्य को शामिल किए जाने की मांग उठा दी है. बीजेपी के ये दोनों नेता ओबीसी समुदाय से आते हैं और राम मंदिर आंदोलन में इनकी अहम भूमिका रही है.अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे को गिरने की नैतिक जिम्मेदारी लेने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि सरकार को राम मंदिर ट्रस्ट में एक दलित के साथ किसी ओबीसी को भी शामिल करना चाहिए. देश में ओबीसी की संख्या सबसे ज्यादा है, ऐसे में मंदिर ट्रस्ट में कम से कम एक ओबीसी को भी शामिल किया जाना चाहिए. हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि वो खुद ट्रस्ट का हिस्सा नहीं बनना चाहते लेकिन एक ओबीसी को जरूर लिया जाए.राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई में शामिल व बाबरी विध्वंस मामले की आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने कहा कि ओबीसी समुदाय के किसी एक व्यक्ति को राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व ओबीसी समुदाय ने किया था, जिनमें खुद से लेकर कल्याण सिंह और विनय कटियार शामिल थे. ऐसे में एक ओबीसी को ट्रस्ट में जगह मिलनी चाहिए.