संचालक सुधीर मित्तल के पुर्व कर्मचारी भी के नाम भी है एक कंट्रोल
कंट्रोल की दुकानों का बंदरबांट।
जी हां हम बात कर रहे हैं। गरीबों को मिलने वाले। शासकीय राशन की दुकानों की। बीजेपी के शासन में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को आँखे बंद कर दुकानों का आवंटन किया गया। कार्यकर्ताओं को एक से अधिक दुकानों का आवंटन किया गया। परिवार में चाचा ,ताऊ ,भाई ,मामा , साला ,फर्जीबाद जोर शोर से चला। ऐसी एक दुकान। वार्ड 35। दुकान कोड क्रमांक 4051 37 अरिहंत सुंगधा प्रा. उप सह भण्डार क्र72 ,यशवंत सोनी पुत्र संजय सोनी ,बैरागपुरा । जो दुकान सूबे की गोठ में संचालित है। उस पर वार्ड क्रमांक10, 17 ,24,28,32,35,36,37,38,44,
53, 56 के कार्ड धारकों को राशन मुहैया कराया जाता है। क्या? मुरार , हजीरा ,गोल पहाडिया ,माधोगंज का आदमी लश्कर नई सडक आकर राशन ले पाता है। यह लीपापोती अधिकांश कंट्रोल की दुकान पर फ्रुड विभाग के संरक्षण में चल रही है। एक अन्य दुकानजिसका कोड क्रमांक 4051 38 हरिहर महिला प्रा. उप सह भंडार क्रमांक 242 है। जो सुधीर मित्तल के नाम। पिता राधेश्याम मित्तल। सूवे की गोठ , नई सड़क लश्कर, ग्वालियर में संचालित है। जिसका वार्ड 35 ,37 के वितरण की जिम्मेदारी है। हकीकत में यह दोनों दुकान बीजेपी कार्यकर्ता सुधीर मित्तल। की है। जो उनके नौकर के नाम यश सोनी पर ली गई है। यह बंदरबांट एक जगह का नहीं शहर में अनेकों दुकानों का है। जानकारी प्राप्त करने पर प्राप्त हुआ कि अधिकारियों की सांठगांठ से सभी दुकानें संचालित है। जिनका आज तक वेरिफिकेशन नहीं हुआ। क्योंकि सूत्रों से ज्ञात हुआ है। इस लीपापोती की एवज में कंट्रोल संचालक द्वारा एकमुश्त रकम आगे भेज दी जाती है। चाहे बात करेे मिट्टी के तेल की या राशन की ।भ्रष्टाचार चरम पर है। यश सोनी का जो न.9806471455विभाग मे दर्ज है सुत्रो से ज्ञात हुआ कि राधेश्याम मित्तल का है जो सुधीर मित्तल के पिता है यदि ईनका राशन धारको से सत्यापन कराया जाए तो गरीबो के राशन पर हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है जब माननीय मंत्री श्री प्रध्युमन सिहं जी से ईस सज्ञान मे जानकारी चाही तो सम्पंर्क नही हुआ ।जल्द ही सज्ञान मे लाकर ईस भ्रष्टाचार को उजागर किया जावेगा ।ताकि ईस बंदरबाट प्रकिया को खत्म कर अन्य पात्र लोगो को रोजगार मिल सके ।
इनका कहना है।
ऐसा नहीं हो सकता। राशन आवंटन करते समय संबंधित का अंगूठा लगाया जाता है। एक ही व्यक्ति को दो दुकाने आवंटित नहीं की जा सकती। फिर भी मैं जानकारी प्राप्त करता हूं।
चंद्रभान सिंह जादौन
( खाद्य अधिकारी)