जिलाधीश का आदेश बना कमाई का जरिया।
हम बात कर रहे हैं ग्वालियर में ड्रग स्पेक्टर अजय ठाकुर की कैमिकल व्यापारियों के प्रतिष्ठानों के निरीक्षण में श्रीमान कलेक्टर महोदय का नाम लेकर व्यापारियों को डराया धमकाया जा रहा है। पाटनकर चौराहे पर दो मेडिकल संचालक भी ईनकी निरिक्षणता का शिकार हो गए दो दिवस तक दुकाने बंद करना पडी सुत्रो से पता कि निरिक्षण मे व्यवस्थाऔ की कमी के कारण दुकानो को नोटिस जारी हुए फिर फारमल्टी पुरी होने के नाम पर दुकाने खुल गई जब संगीन एक्सप्रेस संबाददाता ने प्राप्त सुुत्रो से पता लगाया कि दुकान के ताले ठाकुर सहाव को खुश करके खुले है एसे ही जो कैमिकल व्यापारी बरसों से व्यापार कर रहे हैं। उनको निरीक्षण के नाम पर उनके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। व्यापारियों को कलेक्टर महोदय के नाम की धमकी देकर यह सारा खेल चल रहा है। हाल ही में कलेक्टर महोदय जी के आदेश अनुसार सभी कैमिकल व्यापारियों को सेफ्टी के आधार पर व्यापार करने के आदेश दिए गए थे। जिसमें भविष्य की दुर्घटनाओं को देखते हुए सख्त आदेश दिए गए थे कि किसी अनजान व्यक्ति को , बच्चों को एसिड ना दिया जाए। जिस किसी भी ग्राहक को एसिड दिया जा रहा है। उसकी पूरी जानकारी रजिस्टर पर अंकित कीजाए। दुकानदार सिर्फ उन्हीं दुकानदारों को एसिड प्रदान करें। जिसका लाइसेंस हो। बस कलेक्टर महोदय की ईन्हीं बातों को लेकर भोले वाले व्यापारियों को डरा धमकाया जा रहा है जो ईनकी बात नहीं मानता। उस व्यपारी का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाता है। जबकि पूर्व में भी ड्रग निरिक्षक अजय ठाकुर ने कुछ लाइसेंस जारी किए थे। जो भ्रष्टाचार को इंगित करते हैं। अजय ठाकुर निरीक्षण के नाम पर दुकानदारों को डरा कर ईनका लाइसेंस निरस्त करने की धमकी देकर व्यवस्था करने मजबूर करते हैं। जो व्यापारी ईनकी बात नहीं सुनता उन्हें श्रीमान जिलाधीश के नाम की दुहाई देकर परेशान किया जाता है उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है। जब इस विषय पर ठाकुर जी से बात करना चाही तो उन्होंने कहा कि निरीक्षण श्रीमान कलेक्टर महोदय के आदेश अनुसार किए जा रहे हैं। जो दुकानदार निरिक्षण में खरे नहीं उतर रहे हैं। उनके लाईसेंस निरस्त किए जा रहे हैं। उनके द्वारा कुछ जारी किए गए लाईसेंस की जानकारी चाही जिसका ना कोई सत्यापन हुआ ना कोई निरीक्षण, व्यवस्था के अनुसार लाइसेंस जारी किए गए तो उन्होने फोन काट दिया
ईस सबंध मे जब जिलाधीश मोहदय से बात करनी चाही तो खबर लिखने तक फोन पर सम्पर्क नही हो सका