नयागांव चेकपोस्ट बना अवैध कमाई का अड्डा
नयागाँव चैकपोस्ट हमेशा ही सुर्खियों में रहा है चाहे डीवी पटेल हो या जगदीश मीणा , भ्रष्टाचार चरम पर है पूर्व में भी डी वी पटेल ने भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांग दी थी । नीमच का यह बैरियर सुर्खियों में रहा । आम आदमी पार्टी के जिला समन्वक नवीन अग्रवाल ने इस बैरियर पर हो रहे भ्रष्टाचार को उठाया था जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी की गई ।,बताया गया की नयागांव बैरियर पर ट्रक चालकों से खुली लूट हो रही है अवैध वसूली की आड़ में होलोग्राम स्टीकर जारी किए जा रहे हैं जिससे अवैध वसूली की जा रही है
वर्ष 2014 मे तत्कालीन कलेक्टर श्री नंदकुमार जी से शिकायत की गई थी की नयागाँव के सरकारी नुमाइंदे ही ट्रक चालकों से अवैध उगाही करते हैं सरेआम सरेराह वसूली में प्रतिदिन डेढ से दो करोड रुपए की मोटी रकम वसूल की जाती है जो आपस में बंदरबांट कर लेते हैं ईमानदार कलेक्टर साहव ने नयागाँव बैरियर पर छापामार कार्रवाई कर भ्रष्टो के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई थी जिसके परिणाम स्वरूप पूर्व सरकार ने कलेक्टर साहब को रातों-रात हटा दिया गया था । हर ट्रक ड्राइवर को एमपी से राजस्थान की सीमा में प्रवेश करने के लिए यह रकम देना पड़ती है नहीं तो जांच के नाम पर ट्रक को एक तरफ खड़ा करवा दिया जाता है । उन्होंने वैधानिक कार्रवाई करते हुए तहसीलदार के द्वारा 1600 स्टीकर और एक बड़ी राशि जप्त की थी आनलाइन शिकायत नवीन अग्रवाल द्वारा की और बताया गया अवैध वसूली का गोरखधंधा दो दशक से भी अधिक समय में चल रहा है पूर्व परिवहन परिवहन मंत्री उमाशंकर गुप्ता के कार्यकाल में भी नयागाँव चैकपोस्ट पर स्टिंग ऑपरेशन किया गया था वहा तैनात नयागाँव के पूरे स्टाफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया । जिसकी शिकायत की जांच आज भी विचारधीन है और जांच अधिकारी आरटी विंग परिवहन विभाग के उपसचिव आईरिन चेरियन को बनाया गया जब से जगदीश मीणा नयागाँव चैकपोस्ट पर आए हैं ट्रक ड्राइवरों से वसूली और मारपीट बढ़ गई है जिसकी शिकायत आप के पदाधिकारियों ने परिवहन आयोग के व्हि मधु कुमार से भी की । आप कार्यकर्ताओं ने बताया कि जगदीश मीणा और अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली की जा रही है कई ट्रक ड्राइवरो ने अवैध वसूली की शिकायत की । बात करने पर ट्रक ड्राइवर भगवान सिंह, मन रूपा राम हनुमानगढ़ के गुरमीत सिंह बलदेव सिंह ने बताया कि कागजो की पूर्ति होने पर भी दो से चार हजार रु तक की अवैध वसुली की जा रही है और ली गई राशि की रसीद भी नहीं दी जा रही ।
क्या है नयागाँव चैकपोस्ट
नयागाँव चैकपोस्ट राजस्थान बॉर्डर से प्रवेश कर मध्यप्रदेश में प्रवेश करने का रास्ता है जो चित्तौड़गढ़ राजस्थान से 33 किलोमीटर पर स्थित है नयागाँव जिला मुख्यालय नीमच से 17 किलोमीटर दूरी पर है दिल्ली से 500 किलोमीटर दूर है नयागाँव चैकपोस्ट इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट है जहां पर इलेक्ट्रॉनिक तोलकांटा ,चैकपोस्ट परिवहन ,वाणिज्य कर ,खनिज एवं वन विभाग के चैकपोस्ट है किन किन कारणों से होती है अवैध वसूली
नया चैकपोस्ट पर अवैध वसूली के नए तरीके हैं जो किसी को भी जो किसी को भी आश्चर्य चकित कर सकते हैं जैसे ही ट्रक चालक अपना वाहन लेकर बॉर्डर क्रॉस कर नयागाँव चैकपोस्ट में प्रवेश करता है तो उसका सामना इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटे से होता है जहां पर अंडर लोड, ओवरलोड को एडजस्ट किया जाता है और मोटी रकम वसूली जाती है जो 2000से 10000 तक हो सकती है यहां पर ओवरलोड को अंडर लोड किया जाता है जब तोल कांटे के बाद कागजों को खिड़की पर जांच के लिए दिया जाता है बस यही से भ्रष्टाचार खुलेआम होता है मध्यप्रदेश के स्वागत द्वार पर परिवहन चैकपोस्ट जहां के पदाधिकारी भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मान बेरहमी से वाहन चालको को लूटते खसोट करते है। पर वाहन चालक जैसे ही खिड़की पर पहुंचकर अपने कागजात खिड़की पर देता है उसको प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू हो जाता है यहां पर प्रत्येक वाहन का मूल्य टायरों की संख्या पर आधारित है जैसे 6 टायर गाड़ी है ₹2000 ,10 टायर गाड़ी है 3100,10 टायर से अधिक 4400₹, मल्टी एक्सेल ट्रॉली के 5000से10000 तक प्रति वाहन वसूली की जाती है
ऐसे होती है ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली
ओवरलोडिंग
लोडिंग वाहन के पंजीयन दस्तावेज
इंश्योरेंस के कागजात
वाहनों का फिटनेस परमिट और दे यान कर
इन चीजों में कमी बताकर अवैध उगाई की जाती है यह अवैध उगाही नीचे से ऊपर तक सभी में पहुचाई जाती है ईसी तरह राजनेताओं और अफसरों द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जाता है जगदीश मीणा एक दबंग आरटीई माने जाते हैं जगदीश मीणा जी की आए दिन अखबारों में खबरें प्रकाशित होती है फिर भी प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है जगदीश मीणा ओबीसी वर्ग से आते हैं सूत्रों से प्राप्त है कि जगदीश मीणा की प्रथम नियुक्ति मैं जो दस्तावेज लगे वह एसटी वर्ग का जाति प्रमाण पत्र लगा हुआ है जबकि परिवार का ओबीसी जाति प्रणाम पत्र बना हुआ है यह समझ से परे एक परिवार का दो वर्ग से संबंध है जो की जांच का विषय है लेकिन जाँच करेगा कौन ?
जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहेका ।
"शेष संम्पति व परिवार के जातिप्रमाण संबधी जानकारी जल्द "