*नर्मदा घाटी में गणतंत्र दिवस मनाने के साथ किया CAA – NPR – NRC का विरोध*
1.कल मध्यरात्र को ‘हम भारत के लोग’ बैनर तले बड़वानी जिले के ग्राम बगुद (जिला बड़वानी) पुनर्बसाहट में किसान – मजदूरों ने मिलकर तिरंगा फहराया और गणतंत्र दिवस मनाया |
हमने गणतंत्र की बात न केवल लोकसभा – राज्यसभा बल्कि ग्रामसभा के स्तर पर चाही है, यह कहा राहुल यादव, नर्मदा बचाओ आंदोलन के युवा कार्यकर्त्ता ने !
बगुद ग्राम के हरेसिंह भाई और कालूसिंह भाई तथा भगु बहन, श्यामा बहन ने आवाज दी “लोकसभा से उंची ग्रामसभा” !
लोकतंत्र और ‘पेसा’ कानून जो उसी का आधार लेकर बना है, उसके अमल के साथ विस्थापितों के पुनर्वास स्तर पर ग्रामसभा की राय क्यों नहीं ली जा रही है यह सवाल भी उठाया गया ! ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित करवाने की निश्चिती भी की गयी |
मेधा पाटकर जी ने शहीदों की याद में, हिन्दू – मुस्लिम एकता की याद सभी दिलाकर आज का नागरिकता – संशोधन क़ानून और नागरी रजिस्टर की बात इस एकता को तोड़ेगी और सभी गरीब, अनपढ़, दलित, आदिवासीयों को सताएगी यह बात समझायी | पुनर्वास के अधिकार हासिल करने में सालो साल गुजरते हैं, कागजातों के खेल में तो नागरिकता के लिए भी एक खेल ही होगा जो हमें स्वीकार नहीं |
* 27 जनवरी को बड़वानी में निकल रही रैली में शामिल होंगे, नर्मदा घाटी के बहन – भाई |
गांधी समाधि राजघाट पुनर्बसाहट पर करेंगे 30 जनवरी को मानवश्रृंखला से सत्याग्रह–अहिंसा का ! 30 जनवरी शहादत दिवस होते हुए उस दिन संकल्प लगे हमारे आंदोलन भी पूर्णत: अहिंसक रखने का तथा विकास में हिंसा भी नामंजूर करके, लड़ने का |
2.आज सुबह नर्मदा किनारे ध्वस्त राजघाट गांव के बची हुई भूमि पर हुआ झंडावंदन | गांव की भाई बहन, बच्चे भी उपस्थित रहे | दिल दहलाने वाला चित्र था, डूब से सूख गये बड़े बड़े हजारों पेड़ों का, मलबा बन चुके मकानों का | राजघाट में हर साल हजारों क्या, लाखों नर्मदा भक्त आते रहे हैं .... और इस साल भी 30 जनवरी से 1 फरवरी तक नर्मदा जयंति मनाने के लिए भी आएंगे | लेकिन साधुओं – भक्तो ने नहीं, विस्थापितों ने ही उठायी है आवाज, सालों से ... गांव, नदी, पेड़, मंदिर – मस्जिदे और भाईचारा बचाने की !
इन्हीं विस्थापितों में से कमलामाई , कनकसिंह भाई, देवेन्द्रसिंह भाई, और अन्य गांववासीयों के साथ मेधा पाटकर जी और महेंद्र तोमर ने फहराया झंडा |
राजघाट से उंचे मंचों से नहीं धरातल से उठी आवाज थी शहीद हुए एक गांव की ! आज भी जीवित है राजघाट की यादे ! यहीं कई सभाएँ हुई, हजारों की........ कभी नितीश कुमार, कई भूतपूर्व न्यायाधीश, *कभी योगेन्द्र यादव, कुमार प्रशांत, सौम्या दत्ता, कई सरे कलाकार, देशभर के कार्यकर्ता*, पहुंचे ! झंडावंदन के मोके पर आंदोलनकरियो ने तय किया कि २४ सालो बाद भी आज इसी वक्त भी एक मोर्चा खड़ा करना है, ‘हम भारत के लोग’ का | आगे निकल पड़ना है, 27 जनवरी के, रोज
*बड़वानी में होगी, शहीद स्तम्भ से विशाल रैली, सुबह 10.30 बजे से और आमसभा होगी झंडा चौक में 11 :30 बजे से |*
*हरेसिंह दरबार, कनकसिंह दरबार, राहुल यादव, कमला यादव, मेधा पाटकर*