फिर पलटेगी महाराष्ट्र की बाजी? BJP का सिरदर्द बढ़ा सकता है सीटों का ये गणित

फिर पलटेगी महाराष्ट्र की बाजी? BJP का सिरदर्द बढ़ा सकता है सीटों का ये गणित

अगर एनसीपी के दावे को सही माना जाए तो पार्टी में बड़ी टूट का संकट खत्म हो गया है, ऐसे में एनसीपी का बड़ा सिरदर्द तो दूर हो गया और यह सिरदर्द बीजेपी के ऊपर आ गया. बीजेपी के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 विधायक ही हैं. सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन चाहिए.
 
क्या पलटेगी महाराष्ट्र की बाजी? BJP के लिए सिरदर्द है ये गणित


NCP का दावा-हमारे पास 170 विधायकों का समर्थनBJP के पास 105 विधायक, बहुमत के लिए चाहिए 145सुप्रीम कोर्ट में आज होगी महाराष्ट्र केस की सुनवाई
महाराष्ट्र की राजनीति कर्नाटक के नाटक से भी बड़ा होता दिख रहा है. सरकार बनाने से इनकार करने के करीब 16 दिन बाद देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार की सुबह अचानक दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. फडणवीस का शपथ लेना था कि एक साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी हरकत में आईं और अपने-अपने विधायकों को संजोने में लग गई.


सबसे बड़ी टूट का कहर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर गिरना था, लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार ने आनन-फानन में अपने विधायकों की अहम बैठक बुलाई और इस बैठक में उनके 54 में से 42 विधायक शामिल हुए. बैठक में अजित पवार को हटाकर पार्टी के विधायक दल के नए नेता बनाए गए जयंत पाटील ने कहा कि आज की बैठक में 42 विधायक शामिल हुए जबकि 7 संपर्क में हैं, रविवार को होने वाली एक और बैठक में 49 विधायक शामिल होंगे.


शरद पवार ने बचा ली पार्टी?


अगर एनसीपी के दावे को सही माना जाए तो पार्टी में बड़ी टूट का संकट खत्म हो गया है, ऐसे में एनसीपी का बड़ा सिरदर्द तो दूर हो गया और यह सिरदर्द बीजेपी के ऊपर आ गया. बीजेपी के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 विधायक ही हैं. सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन चाहिए और लेकिन वह इस जादुई अंक से 40 कदम दूर है.


NCP का दावा-हमारे पास 170 विधायकों का समर्थनBJP के पास 105 विधायक, बहुमत के लिए चाहिए 145सुप्रीम कोर्ट में आज होगी महाराष्ट्र केस की सुनवाई
महाराष्ट्र की राजनीति कर्नाटक के नाटक से भी बड़ा होता दिख रहा है. सरकार बनाने से इनकार करने के करीब 16 दिन बाद देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार की सुबह अचानक दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. फडणवीस का शपथ लेना था कि एक साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी हरकत में आईं और अपने-अपने विधायकों को संजोने में लग गई.